रणजीत चौटाला ने टिकट कटने पर दिए बगावत के संकेत, समर्थकों के साथ की बैठक, ले सकते है बड़ा फैसला

हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ तब आया जब राज्य के ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला का विधानसभा चुनाव का टिकट कट गया। रणजीत चौटाला जो पूर्व उपमुख्यमंत्री देवीलाल के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के भाई हैं इस घटना से काफी नाराज हो गए हैं। उनका यह मानना था कि वह देवीलाल के बेटे हैं और पूरे हरियाणा में उनके समर्थकों की संख्या बहुत अधिक है जो कई सीटों पर जीत-हार का गणित बदल सकते हैं।
सिरसा में स्थित अपने आवास पर उन्होंने अपने समर्थकों की एक बैठक बुलाई। रणजीत चौटाला का कहना है कि वह पार्टी से हटकर अपना रास्ता चुनने को मजबूर हो सकते हैं। उनके इस कदम से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है क्योंकि वह पहले भी निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल कर चुके हैं और भाजपा को समर्थन देकर मंत्री बने थे।
भाजपा का टिकट कटने का संदेश
रणजीत चौटाला का टिकट कटने के पीछे मुख्य कारण उनके पार्टी लाइन से हटकर दिए गए बयानों को माना जा रहा है। भाजपा का संदेश स्पष्ट था कि पार्टी अनुशासन को सबसे अधिक महत्व देती है और उन नेताओं को तरजीह दी जाती है जो पार्टी के नियमों और सिद्धांतों के साथ चलते हैं। रणजीत चौटाला ने अपनी हार के बाद कई ऐसे बयान दिए थे जो पार्टी के लिए असहज थे।
भाजपा ने यह निर्णय लेकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह उन नेताओं को आगे नहीं बढ़ाएगी जो पार्टी की रीति-नीति से हटकर काम करते हैं। रणजीत चौटाला का इस प्रकार का रवैया उन्हें उनके पद और भविष्य की राजनीतिक योजनाओं से दूर कर सकता है।
रानियां सीट से निर्दलीय जीत की कहानी
रणजीत चौटाला ने 2019 में रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। इस जीत ने उन्हें हरियाणा की राजनीति में एक नया मुकाम दिया। बाद में उन्होंने भाजपा सरकार को समर्थन दिया और इसके परिणामस्वरूप उन्हें मंत्री पद प्राप्त हुआ। यह उनके लिए एक राजनीतिक उपलब्धि थी।
हालांकि 2024 में रणजीत चौटाला ने रानियां विधायक पद से इस्तीफा देकर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद रणजीत दोबारा रानियां लौट आए लेकिन उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हो गई।
उनकी हार के बाद उन्होंने कई ऐसे बयान दिए जो पार्टी के नियमों के विरुद्ध थे। इसके चलते भाजपा ने उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए और उनका टिकट काट दिया। इसके साथ ही पार्टी ने यह संकेत दिया कि अनुशासनहीनता को किसी भी प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रणजीत चौटाला के कांग्रेस से संपर्क की चर्चा
रणजीत चौटाला के कांग्रेस से संपर्क की खबरें भी सामने आई हैं। जब से उनका टिकट कटा है तब से वह कांग्रेस के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं। यह खबरें जोर पकड़ रही हैं कि वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन उनके इस कदम से राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है।
रणजीत चौटाला की राजनीतिक पृष्ठभूमि और उनका प्रभाव हरियाणा की राजनीति में काफी माना जाता है। अगर वह कांग्रेस में शामिल होते हैं तो यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।