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हरियाणा में किसानों के लिए राहत की खबर, अगले 4 दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद, देखें मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने भी प्रदेश के 10 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। इनमें कैथल, करनाल, सोनीपत, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, जींद और पलवल शामिल हैं जहां भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
 
Haryana Agricultural University

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा में पिछले कुछ समय से मानसून की सक्रियता धीमी पड़ गई थी जिससे प्रदेश के कई जिलों में बारिश की कमी दर्ज की गई। हालांकि हाल के दिनों में मानसून ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है और अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University) हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मदन लाल खीचड़ के अनुसार प्रदेश में अगले तीन-चार दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना है जो कि प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है।

प्रदेश में मानसून की सक्रियता बढ़ी

प्रदेश में मानसून की स्थिति को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश हो सकती है। डॉक्टर मदन लाल खीचड़ ने बताया कि 26 अगस्त से मानसून की ट्रफ लाइन जो दक्षिण की ओर चली गई थी अब उत्तर भारत की ओर लौट रही है। इस बदलाव के कारण प्रदेश में मानसून की सक्रियता बढ़ गई है और अगले तीन-चार दिनों में प्रदेश में अच्छी बारिश हो सकती है। इस वर्ष 1 जुलाई से प्रदेश में मानसून सक्रिय हुआ था लेकिन जुलाई और अगस्त के महीनों में बारिश की स्थिति संतोषजनक नहीं रही। अब तक प्रदेश में 17 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई है जिससे किसान चिंतित थे।

मौसम विभाग ने भी प्रदेश के 10 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। इनमें कैथल, करनाल, सोनीपत, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, जींद और पलवल शामिल हैं जहां भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इस अलर्ट के बाद संबंधित जिलों के प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

प्रदेश में अधिकांश किसान धान और कपास जैसी खरीफ फसलों की खेती करते हैं। धान की फसल को पानी की अच्छी मात्रा की आवश्यकता होती है और मानसून की इस सक्रियता से धान की फसल को विशेष लाभ होने की उम्मीद है। डॉक्टर खीचड़ ने बताया कि सितंबर के पहले हफ्ते में प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना है जो धान की फसल के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है।

हालांकि कपास की फसल पर इस बारिश का मिला-जुला प्रभाव हो सकता है। बारिश और बादल छाए रहने से कपास की फसल में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी जिससे कीट प्रकोप का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार ही कृषि कार्य करना चाहिए।

इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इन जिलों में कैथल करनाल सोनीपत झज्जर रेवाड़ी गुरुग्राम फरीदाबाद मेवात जींद और पलवल शामिल हैं। इन जिलों में अगले तीन-चार दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है जिसके कारण स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन ने लोगों को सचेत किया है कि वे बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें।

इस वर्ष प्रदेश में मानसून की स्थिति कुछ खास नहीं रही है। 1 जुलाई से मानसून सक्रिय होने के बाद भी जुलाई और अगस्त के महीनों में प्रदेश में अच्छी बारिश नहीं हुई। इसका असर किसानों की फसलों पर भी पड़ा है। अब तक प्रदेश में 17 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई है। ऐसे में सितंबर के पहले हफ्ते में संभावित अच्छी बारिश इस कमी को पूरा करने में मददगार साबित हो सकती है।

मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि आगामी दिनों में उत्तरी प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि 31 अगस्त और 1 सितंबर को मानसून की सक्रियता में थोड़ी कमी आ सकती है लेकिन सितंबर के पहले हफ्ते में यह फिर से तेज हो जाएगी।

किसानों के लिए सलाह

मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर मदन लाल खीचड़ ने किसानों को सलाह दी है कि वे आने वाले दिनों में संभावित बारिश को ध्यान में रखते हुए अपनी फसल प्रबंधन रणनीति बनाएं। खासकर कपास की फसल में कीट प्रकोप की संभावना को देखते हुए किसानों को कृषि वैज्ञानिकों की सलाह का पालन करना चाहिए। धान की फसल के लिए यह बारिश बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है इसलिए किसानों को जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।