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सीएम बनने का सपना देख रही सिरसा सांसद कुमारी शैलजा को लगा बड़ा झटका, नहीं लड़ पाएंगी विधानसभा चुनाव

हरियाणा चुनाव के बीच 3 दिन पहले सिरसा से सांसद कमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर सीएम कुर्सी पर दावा ठोक दिया था। कुमारी सैलजा ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि लोगों की व्यक्तिगत और जातीय आधार पर महत्वाकांक्षा होती है मेरी भी है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं।
 
Sirsa MP Kumari Selja

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा कांग्रेस में टिकटों पर मंथन को लेकर दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में सिरसा सीट से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा को बड़ा झटका लगा है। कमेटी ने तय किया है कि हरियाणा में पार्टी के सिटिंग सांसद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे इसकी पुष्टि मीटिंग के बाद पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया ने खुद की है।

उन्होंने बयान दिया है कि किसी भी सिटिंग सांसद या राज्यसभा सांसद को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा ये चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार में भूमिका निभाएंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि कमेटी के इस फैसले को सख्ती से लागू किया जाएगा हालांकि फाइनल फैसला पार्टी आलाकमान का ही होगा।

दरअसल हरियाणा में विधानसभा चुनाव की डेट घोषित हो चुकी है। कांग्रेस में आज से टिकटों को लेकर मंथन शुरू हो गया है। इसी को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग चेयरमैन अजय माकन की अध्यक्षता में दिल्ली में बुलाई गई थी। इस मीटिंग में दीपक बाबरिया भी शामिल हुए थे।

हरियाणा चुनाव के बीच 3 दिन पहले सिरसा से सांसद कमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर सीएम कुर्सी पर दावा ठोक दिया था। कुमारी सैलजा ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि लोगों की व्यक्तिगत और जातीय आधार पर महत्वाकांक्षा होती है मेरी भी है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं।

विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान करेगा। सैलजा ने बयान दिया था कि देश में अनुसूचित जातियों ने कांग्रेस को बड़ा समर्थन दिया है। जब दूसरी जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर अनुसूचित जातियों से क्‍यों नहीं। सैलजा ने सीधे तौर पर हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर दलित सीएम की दावेदारी पेश कर दी।

सीएम फेस को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी जारी

कांग्रेस में सीएम फेस को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच लगातार कॉनट्रोवर्सी चल रही है। गुटबाजी के कारण ही कांग्रेस के हरियाणा में 10 साल सत्ता से बाहर है। 2014 में कांग्रेस 45 और 2019 में 31 सीटें ही जीत पाई थी। 2014 में भाजपा ने बहुमत की सरकार बनाई तो 2019 में जेजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना कांग्रेस को झटका दे दिया।