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Sirsa News: सिरसा के गांव जगमालवाली में डेरे की गद्दी विवाद, ये व्यक्ति बने नए डेरा प्रमुख

गुरप्रीत सिंह पूर्व डेरा प्रमुख मैनेजर साहिब के चार भाइयों में से एक के बेटे हैं। वे बचपन से ही डेरे में रह रहे हैं और संत वकील साहिब के भी करीबी माने जाते हैं। संगत की भजन मंडली में उनका विशेष स्थान है और वे बाल ब्रह्मचारी हैं। संगत की उनके प्रति पूर्ण आस्था है और यही कारण है कि डेरे में मौजूद संगत ने सर्वसम्मति से उनके नाम का समर्थन किया।
 
जगमालवाली

सिरसा के गांव जगमालवाली में डेरे की गद्दी को लेकर पिछले चार दिनों से विवाद चल रहा है। इस विवाद के बीच रविवार को तीन गांवों के मौजिज लोगों और संगत ने गुरप्रीत सिंह को डेरा प्रमुख घोषित कर दिया है। गुरप्रीत सिंह पूर्व डेरा प्रमुख मैनेजर साहिब के भाई के बेटे हैं। इस घोषणा ने सभी को चौंका दिया है क्योंकि यह निर्णय अचानक लिया गया।

इसी दौरान संत वकील साहिब के परिवार के सदस्यों ने मीडिया से बातचीत करके अपना पक्ष स्पष्ट किया। संत वकील साहिब के बेटे ओमप्रकाश और भतीजे विष्णु ने कहा कि उन्हें डेरे की गद्दी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बताया कि वे आठ अगस्त को भोग क्रिया के बाद डेरे से चले जाएंगे।

विरेंद्र सिंह की वसीयत का विवाद

वसीयत होने का दावा करने वाले विरेंद्र सिंह को लेकर संत वकील साहिब के परिवार के सदस्यों ने कहा कि यदि विरेंद्र सिंह के पास कोई वसीयत है तो वे इसे संगत के सामने प्रस्तुत करें और संगत को संतुष्ट करें। साथ ही उन्होंने कहा कि अमर सिंह संत साहिब के भतीजे नहीं हैं बल्कि वे पड़ोसी हैं।

बचपन से डेरे में रह रहे हैं गुरप्रीत सिंह

गुरप्रीत सिंह पूर्व डेरा प्रमुख मैनेजर साहिब के चार भाइयों में से एक के बेटे हैं। वे बचपन से ही डेरे में रह रहे हैं और संत वकील साहिब के भी करीबी माने जाते हैं। संगत की भजन मंडली में उनका विशेष स्थान है और वे बाल ब्रह्मचारी हैं। संगत की उनके प्रति पूर्ण आस्था है और यही कारण है कि डेरे में मौजूद संगत ने सर्वसम्मति से उनके नाम का समर्थन किया।

गुरप्रीत सिंह की इस नयी जिम्मेदारी को लेकर डेरे के अनुयायी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में डेरा और अधिक प्रगति करेगा और सभी विवादों का समाधान होगा।

संत वकील साहिब के परिवार की प्रतिक्रिया

संत वकील साहिब के परिवार के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि उनका डेरे की गद्दी पर कोई दावा नहीं है। ओमप्रकाश और विष्णु ने कहा कि वे केवल आठ अगस्त तक यहां रहेंगे और भोग क्रिया के बाद चले जाएंगे। उन्होंने विरेंद्र सिंह की वसीयत के बारे में कहा कि यदि वह सच में वसीयत के मालिक हैं तो उन्हें संगत के सामने अपनी वसीयत प्रस्तुत करनी चाहिए और संगत को संतुष्ट करना चाहिए।

डेरे के विवाद की जड़ें

यह विवाद तब शुरू हुआ जब पूर्व डेरा प्रमुख मैनेजर साहिब का निधन हो गया। उनकी गद्दी के उत्तराधिकारी को लेकर विवाद पैदा हो गया और विभिन्न पक्षों ने अपनी-अपनी दावेदारी पेश की। संगत ने गुरप्रीत सिंह को डेरा प्रमुख घोषित करने का निर्णय लिया जो बचपन से ही डेरे में रहे हैं और संगत की भजन मंडली में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

डेरे की संगत की भूमिका

डेरे की संगत ने गुरप्रीत सिंह के नाम पर सर्वसम्मति जताई और उन्हें नया डेरा प्रमुख घोषित किया। संगत का मानना है कि गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में डेरा और अधिक प्रगति करेगा और सभी विवादों का समाधान होगा। गुरप्रीत सिंह की नियुक्ति से डेरे में स्थिरता आने की उम्मीद है और संगत उनके नेतृत्व में डेरे के विकास की उम्मीद कर रही है।