Sirsa News: जहरीली हो रही सरसा की हवा, वायु प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता, एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 214

Delhi Highlights, चंडीगढ़: सिरसा शहर में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। वर्तमान में शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 214 तक पहुंच गया है, जो "खराब" श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। रविवार को सुबह सिरसा में धुएं की एक मोटी परत देखने को मिली, जो लगभग 11 बजे तक वातावरण में बनी रही।
पीएम 2.5 और पीएम 10: फेफड़ों के लिए बड़ा खतरा
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से पीएम 2.5 और पीएम 10 सबसे खतरनाक माने जाते हैं। ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में गहराई तक पहुंच सकते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। पीएम 2.5 का स्तर सिरसा में 135 और पीएम 10 का स्तर 291 तक पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। यह आंकड़े शहर के प्रमुख स्थानों जैसे एफ ब्लॉक सेक्टर, हुडा सेक्टर, और रोडी बाजार में दर्ज किए गए हैं।
सिरसा के प्रमुख स्थानों पर AQI के आंकड़े:
एफ ब्लॉक सेक्टर:
एक्यूआई: 214 (खराब)
पीएम 2.5: 135
पीएम 10: 291
आद्रता: 34%
हुडा सेक्टर:
एक्यूआई: 178 (खराब)
पीएम 2.5: 107
पीएम 10: 222
आद्रता: 34%
रोडी बाजार:
एक्यूआई: 180 (खराब)
पीएम 2.5: 111
पीएम 10: 235
आद्रता: 34%
प्रदूषण के बढ़ने के मुख्य कारण
सिरसा में बढ़ते प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं:
पराली जलाना: खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण में भारी इजाफा होता है।
कूड़ा जलाना: शहर में जगह-जगह कूड़ा जलाने से हवा में जहरीले धुएं का उत्सर्जन होता है।
त्योहारी सीजन में फैक्ट्रियों में अधिक उत्पादन: त्योहारों के दौरान फैक्ट्रियों में अधिक उत्पादन के चलते भी प्रदूषण स्तर बढ़ता है।
वाहनों का धुआं: शहर में बढ़ते वाहन ट्रैफिक से प्रदूषण की समस्या और विकराल हो रही है।
पिछले साल की स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
पिछले साल 4 नवंबर 2023 को सिरसा का AQI 439 तक पहुंच गया था, जो कि "गंभीर" श्रेणी में आता है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन को लोगों को सुबह और शाम की सैर न करने की सलाह जारी करनी पड़ी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल भी दिवाली के समय पराली जलाने और फैक्ट्रियों में अधिक उत्पादन के चलते प्रदूषण में और वृद्धि हो सकती है।
अभी पराली जलाने का दौर पूरी तरह से शुरू नहीं हुआ है, लेकिन शहर की हवा पहले से ही खराब है। इसके लिए स्थानीय कारणों के साथ वाहनों से निकलने वाले धुएं को जिम्मेदार माना जा रहा है। विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। प्रदूषण के कारण लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होना आम हो गया है।