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फटी जुराबों में नजर आए सोलर मैन ऑफ इंडिया, जानिए क्यों Chetan Singh Solanki ने दिया ऐसा संदेश

चेतन सिंह सोलंकी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के प्रोफेसर हैं और पिछले 20 वर्षों से इस प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ा रहे हैं। वह एक प्रसिद्ध सोलर वैज्ञानिक हैं और इसलिए उन्हें सोलर मैन ऑफ इंडिया या सोलर गांधी के नाम से जाना जाता है।
 
Chetan Singh Solanki

सोशल मीडिया पर हाल ही में एक तस्वीर तेजी से वायरल हुई जिसमें एक व्यक्ति 5-स्टार होटल में फटी जुराबें पहने नजर आया। यह तस्वीर एक सोशल मीडिया यूजर ने शेयर की थी जिसने लोगों का ध्यान खींचा। यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि भारत के सोलर मैन या सोलर गांधी के नाम से प्रसिद्ध चेतन सिंह सोलंकी थे। इस घटना के बाद खुद चेतन सिंह सोलंकी ने अपने इस अनोखे परिधान विकल्प के पीछे का कारण बताया।

तारीख का जिक्र नहीं हुआ लेकिन यह तस्वीर तब खींची गई जब सोलंकी एक लीडरशिप समिट में अपना वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने इस बारे में कहा "हाँ मेरी फटी जुराबें दिखाई दे रही थीं! मुझे इन्हें बदलने की जरूरत है और मैं ऐसा करूँगा। और हाँ मैं इन्हें बदलने का खर्च उठा सकता हूँ पर प्रकृति नहीं। प्रकृति में हर चीज़ सीमित है।"

Chetan Singh Solanki कौन हैं?

चेतन सिंह सोलंकी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के प्रोफेसर हैं और पिछले 20 वर्षों से इस प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ा रहे हैं। वह एक प्रसिद्ध सोलर वैज्ञानिक हैं और इसलिए उन्हें सोलर मैन ऑफ इंडिया या सोलर गांधी के नाम से जाना जाता है। उनकी प्रमुख पहचान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों के कारण है। चेतन एक शिक्षक नवोन्मेषक शोधकर्ता लेखक और जीवन के दर्शन पर बात करने वाले व्यक्ति हैं।

चेतन सिंह सोलंकी न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सौर ऊर्जा के महत्व को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। वह ऊर्जा स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक हैं और पर्यावरण क्षरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के मिशन पर हैं। पिछले कुछ दशकों में उन्होंने 43000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की है और 20 से अधिक राज्यों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही उन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सोलर एनर्जी का ब्रांड एम्बेसडर घोषित किया गया है।

उनका सौर ऊर्जा के क्षेत्र में योगदान

चेतन सिंह सोलंकी का योगदान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत ही अद्वितीय है। उन्होंने सौर ऊर्जा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रयास किए हैं। उन्होंने 8 किताबें लिखी हैं और 100 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित किए हैं। उनके नाम पर 4 अमेरिकी पेटेंट भी दर्ज हैं जो उनके नवाचारों को दर्शाते हैं।

सोलंकी का मानना है कि धरती पर हर संसाधन सीमित हैं और इसीलिए हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने अपने फटे मोज़ों के पीछे यही संदेश दिया है कि जैसे हम कपड़े और जूते बदल सकते हैं लेकिन प्रकृति को बदलना संभव नहीं है। इसलिए हमें प्रकृति को बचाने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने की आवश्यकता है।

ऊर्जा स्वराज फाउंडेशन की स्थापना

चेतन सिंह सोलंकी ने एनर्जी स्वराज फाउंडेशन की स्थापना की जिसका उद्देश्य है लोगों को सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना। यह फाउंडेशन सौर ऊर्जा को घर-घर तक पहुंचाने का काम करता है। सोलंकी का मानना है कि यदि हम स्वराज की तरह ही ऊर्जा स्वराज की दिशा में काम करें तो हम पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं।

वह कहते हैं "यदि हर व्यक्ति अपने लिए ऊर्जा की जिम्मेदारी ले तो हम ऊर्जा स्वराज की दिशा में एक बड़ा कदम उठा सकते हैं।" उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा इसी विचारधारा को बढ़ावा देने में लगाया है।

फटी जुराबों के पीछे छिपा गहरा संदेश

इस वायरल फोटो से जुड़ी सबसे खास बात यह है कि सोलंकी ने अपने फटे मोज़ों को बदलने के बजाय उनका इस्तेमाल किया और इसी से उन्होंने यह संदेश दिया कि जितनी जरूरत हो उतना ही इस्तेमाल करें। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपनी चीज़ों को बदल सकते हैं लेकिन प्रकृति के साथ ऐसा नहीं कर सकते। उन्होंने अपनी फटी जुराबों को पहनने का कारण यही बताया कि हम जितनी चीजों का उपयोग करते हैं उतना ही पर्यावरण पर दबाव बनता है।