delhihighlight

ताऊ देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला ने थामा इनेलो का दामन, डबवाली से लड़ेंगे चुनाव

भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में नाम न आने से नाराज आदित्य चौटाला ने अपने राजनीतिक सफर में एक बड़ा मोड़ लिया। पार्टी से नाराजगी जताते हुए उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर इनेलो में शामिल होने का निर्णय लिया।
 
Aditya Chautala

हरियाणा की राजनीति में चुनावी सरगर्मियां तेज़ होती जा रही हैं। इस बार की एक बड़ी खबर ताऊ देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला का इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में शामिल होना है। रविवार 8 सितंबर को चौटाला गांव में अपने समर्थकों के बीच आदित्य ने इस बात का ऐलान किया कि वह अब इनेलो का हिस्सा हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में डबवाली सीट से चुनाव लड़ेंगे। 9 सितंबर को वह अपने नामांकन दाखिल करेंगे।

आदित्य चौटाला का यह निर्णय राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। वह भाजपा के उम्मीदवारों की पहली सूची में नाम न आने से नाराज थे जिसके बाद उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी। इसके बाद उन्होंने हरियाणा सरकार में अपने चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी यह बगावत केवल भाजपा के खिलाफ नहीं थी बल्कि एक बड़ा राजनीतिक कदम भी था।

आदित्य चौटाला का भाजपा से मोहभंग

भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में नाम न आने से नाराज आदित्य चौटाला ने अपने राजनीतिक सफर में एक बड़ा मोड़ लिया। पार्टी से नाराजगी जताते हुए उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर इनेलो में शामिल होने का निर्णय लिया। यह कदम न केवल उनकी व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है बल्कि हरियाणा की राजनीतिक समीकरणों में भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

इनेलो सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला से मुलाकात के बाद आदित्य ने पार्टी की सदस्यता ली। इस मौके पर उनके साथ इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला भी मौजूद थे जिन्होंने आदित्य को पार्टी में शामिल कर उनका स्वागत किया। अभय चौटाला ने कहा कि यह कदम इनेलो के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा खासकर डबवाली सीट पर जहां से आदित्य चुनाव लड़ेंगे।

डबवाली सीट पर चुनावी मुकाबला

डबवाली सीट हरियाणा की राजनीति में हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। यह सीट न केवल चौटाला परिवार के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इसे एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। ओपी चौटाला ने अतीत में अपने बेटे अजय चौटाला और बहू नैना चौटाला को इस सीट से विधायक बनाया था लेकिन अभय चौटाला के अनुसार दोनों ने इस क्षेत्र की जनता को धोखा दिया और यहां से दूर हो गए। अब वह गांव-गांव जाकर माफी मांगते फिर रहे हैं और कह रहे हैं कि उनसे बड़ी भूल हो गई।

अभय चौटाला ने अपने बयान में यह भी कहा कि इन लोगों ने ओपी चौटाला को धोखा दिया और अपनी जेब भरने का काम किया। अब आदित्य चौटाला का इस सीट से चुनाव लड़ना इनेलो के लिए एक नई उम्मीद की तरह देखा जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता आदित्य को इस बार किस तरह से समर्थन देती है।

आदित्य चौटाला के शामिल होने से इनेलो को बढ़त?

आदित्य चौटाला के इनेलो में शामिल होने से पार्टी को निश्चित रूप से एक नई दिशा मिली है। ताऊ देवीलाल के परिवार से होने के नाते उनका प्रभाव केवल डबवाली सीट तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि राज्यभर में इनेलो की पकड़ मजबूत हो सकती है। हरियाणा की राजनीति में ताऊ देवीलाल का नाम हमेशा से एक बड़ा नाम रहा है और उनके पोते के रूप में आदित्य चौटाला को जनता का समर्थन मिल सकता है।

यह फैसला भाजपा के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है खासकर उस समय जब पार्टी चुनावी तैयारी कर रही है। आदित्य का बागी होकर इनेलो में शामिल होना राजनीतिक तौर पर भाजपा की रणनीति को कमजोर कर सकता है।

राजनीतिक समीकरण और आगे की राह

आदित्य चौटाला का यह कदम हरियाणा की राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकता है। जहां एक तरफ इनेलो को इससे फायदा हो सकता है वहीं भाजपा को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है। आदित्य के इस फैसले से अन्य राजनीतिक दल भी सतर्क हो गए हैं क्योंकि यह चुनावी दौड़ में नया मोड़ ला सकता है।

अब देखना यह है कि आदित्य चौटाला अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को किस तरह से आगे बढ़ाते हैं। ताऊ देवीलाल के पोते के रूप में उनकी राजनीतिक साख पहले से ही मजबूत है लेकिन उन्हें जनता का समर्थन पाने के लिए अपनी कड़ी मेहनत करनी होगी।