delhihighlight

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला, नहीं मिलेगा 18 माह का डीए एरियर, हो गया फाइनल

DA/DR: एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मियों-पेंशनरों को तगड़ा झटका, सरकार नहीं देगी 18 माह के 'डीए' का एरियर

 
DA/DR

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को तगड़ा झटका देते हुए कोरोनाकाल के दौरान रोके गए डीए/डीआर के एरियर के भुगतान पर रोक लगा दी है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में स्पष्ट किया कि 18 माह का डीए/डीआर एरियर अब नहीं मिलेगा। यह फैसला कई कर्मचारी संगठनों और प्रतिनिधियों के आग्रहों के बावजूद लिया गया है जिसमें राष्ट्रीय परिषद (JCM) स्टाफ साइड के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

कोरोनाकाल में रोका गया था डीए का भुगतान

कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने का महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की तीन किस्तें रोक दी थीं। उस वक्त सरकार ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला दिया था। केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें बकाया राशि मिल जाएगी लेकिन सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि उस समय अर्थव्यवस्था पर वित्तीय दबाव था इसलिए डीए/डीआर रोका गया था।

केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए एरियर के भुगतान की मांग कर रहे हैं। सरकार ने बजट सत्र में यह माना था कि डीए की बकाया राशि जारी करने के लिए कई कर्मचारी संगठनों ने आवेदन किए हैं लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में डीए एरियर जारी करना व्यावहारिक नहीं है।

कर्मचारियों की मांग और सरकार का जवाब

राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान और रामजी लाल शर्मा ने सदन में सवाल उठाया था कि क्या सरकार कर्मचारियों को डीए/डीआर के एरियर का भुगतान करने के लिए सक्रिय है या नहीं। इन सवालों के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण डीए/डीआर रोका गया था और मौजूदा समय में उक्त भत्तों का एरियर देना संभव नहीं है।

बता दें कि कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का उक्त भुगतान रोककर 34,402.32 करोड़ रुपये बचा लिए थे। 'भारत पेंशनर समाज' के महासचिव एससी महेश्वरी ने भी इस मुद्दे पर सरकार से आग्रह किया है। राष्ट्रीय परिषद (JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर कई बार प्रदर्शन भी किया है और कैबिनेट सचिव को भी पत्र लिखा है।

कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया

'नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन' (NJCA) के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) के महासचिव सी श्रीकुमार ने बताया कि कर्मियों के हितों से जुड़े मुद्दे जिसमें पुरानी पेंशन बहाली सहित कई दूसरी मांगें शामिल हैं लगातार उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के मन में खोट आ चुका है। केंद्र ने 2020 के प्रारंभ में कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी।

कर्मचारी संगठनों ने 18 माह के एरियर के भुगतान के लिए कई तरह के विकल्प सुझाए थे जिनमें एरियर का एकमुश्त भुगतान करना भी शामिल था। सी. श्रीकुमार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि ऐसे मामलों में कर्मचारी को छह फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करना होता है।

सरकार की घोषणा का निकला अर्थ

कोरोनाकाल के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह घोषणा की थी कि कर्मचारियों को 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा। उस वक्त उन्होंने एरियर को लेकर कोई बात नहीं कही थी। केंद्रीय मंत्री की घोषणा का अर्थ यह था कि बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 फीसदी मान ली जाए। इसके अनुसार जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच डीए में एकाएक 11 फीसदी वृद्धि हो गई जबकि डेढ़ साल की अवधि में डीए की दरों में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई।

कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें बकाया राशि मिल जाएगी लेकिन केंद्र सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। सी. श्रीकुमार के मुताबिक सरकार ने 2020 के प्रारंभ में कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। उस वक्त कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान रोककर केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये बचा लिए थे।