हरियाणा में जल्द बनकर तैयार होगा ये सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे, इन शहरों की होगी बल्ले बल्ले

पुलिया जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी के लिए एक नया राजमार्ग चर्चा में आया। यह राजमार्ग KM. पर पीकेजी 2 से जुड़ा हुआ है। इसका लंबाई 33.000 31 KM है और इसका निर्माण जून 2023 में शुरू हुआ था। इस राजमार्ग का निर्माण कार्य जून 2025 तक पूरा होगा। इसके निर्माण में कुल लागत 1660.50 करोड़ रुपये आएगी। इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी सहित फरीदाबाद जिले के कई अधिकारी और पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
इस राजमार्ग की विशेषता यह है कि यह पश्चिमी KMP खंड के चौराहे के पास स्थित है, जो सोहना के निकट पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (डब्ल्यूपीई) और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ा है। परियोजना पूरी होने पर यहाँ से निकलने वाले यातायात को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
NHAI के अधिकारियों के अनुसार डीएनडी-फरीदाबाद-सोहना और जेवर का संक्षिप्त परियोजना विवरण यह बताता है कि यह 60 KM लंबा कॉरिडोर डीएनडी फ्लाईओवर के पास से शुरू होता है और फरीदाबाद से होकर गुजरता है। यह बल्लभगढ़ बाईपास और कैलगांव के पास NH 19 (पुराना) NH 2 को पार करता है और अंत में समाप्त होता है।
इस प्रोजेक्ट के बनने से जयपुर, सरिस्का, रणथंभोर जाने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इससे इन पर्यटन स्थलों को और भी महत्व मिलेगा। वर्तमान में, फरीदाबाद के कैली इंटरचेंज से जयपुर तक की यात्रा का समय केवल तीन घंटे है जबकि पहले यह समय पांच घंटे था।
दिल्ली, वड़ोदरा और मुंबई के बीच में दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे को मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी कम होगी। यात्रा का समय भी 24 घंटे से घटकर 12 घंटे हो जाएगा।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय राज्यमंत्री ने हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों के साथ दिल्ली-मुंबई -वडोदरा लिंक एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया। उन्होंने फरीदाबाद के पल्ला पुल से दिल्ली कालिन्दी कुंज तक एक्सप्रेस-वे के काम को देखा और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
दिल्ली से फरीदाबाद और अन्य जगहों तक बेहतर कनेक्टिविटी बनने से यातायात प्रबंधन में सुधार होगा। इससे आम जनता को सुविधाएं मिलने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी।