यूपी में आने वाले पर्यटकों की अब होगी बल्ले बल्ले, 1001 ढाबों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा

UP News: उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने और धार्मिक स्थलों पर आने वाले पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने एक नई पहल की है। इस पहल के तहत राज्य में 1001 ढाबों को बेहतर सुविधाओं और आतिथ्य के लिए विकसित किया जाएगा। यह पहल यात्रियों और श्रद्धालुओं को राजमार्गों पर उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करने के लिए की जा रही है।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 2023 में प्रदेश में 48 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने भ्रमण किया। अयोध्या, काशी, मथुरा और बौद्ध स्थलों पर आने वाले पर्यटकों के लिए ढाबों की सुविधाओं को बेहतर बनाना विभाग की प्राथमिकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यात्रा के दौरान कोई असुविधा न हो ढाबों की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।
ढाबों की पंजीकरण प्रक्रिया
ढाबा प्रतिनिधि uptourismportal.in पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकृत ढाबों को बेहतर सुविधाओं के विकास के लिए सब्सिडी और बड़ी कंपनियों के उत्पादों की उपलब्धता मिलेगी। यह पहल न केवल सुविधाओं में सुधार करेगी बल्कि राज्य के पर्यटन उद्योग को भी मजबूत करेगी। पर्यटकों को आरामदायक और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ ढाबों की गुणवत्ता में सुधार करना आवश्यक हो गया है। राजमार्गों पर स्थित ढाबे पर्यटकों और यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव होते हैं जहां वे विश्राम करते हैं और भोजन करते हैं। यदि इन ढाबों की सुविधाएं बेहतर होंगी तो यात्रियों का अनुभव भी बेहतर होगा जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में अयोध्या, काशी, मथुरा और बौद्ध स्थल जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इन स्थलों पर हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। इन पर्यटकों के लिए यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाना पर्यटन विभाग की प्राथमिकता है। इस दिशा में ढाबों में सुधार एक महत्वपूर्ण कदम है।
पंजीकृत ढाबों को मिलेंगी विशेष सुविधाएं
पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत ढाबों को विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इन ढाबों को सब्सिडी मिलेगी, जिससे वे अपनी सुविधाओं को और बेहतर बना सकेंगे। इसके अलावा बड़ी कंपनियों के उत्पादों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी जिससे ढाबे उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान कर सकें।
पंजीकरण के बाद ढाबा मालिकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे पर्यटकों के साथ बेहतर आतिथ्य कर सकें। यह पहल राज्य के पर्यटन उद्योग को मजबूत करेगी और स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ पहुंचाएगी।