UP NEWS: महाकुंभ से पहले यूपी वासियों को मिलेगी बड़ी सौगात, इन 12 जिलों की किस्मत बदल देगा ये एक्सप्रेसवे

ganga expressway route: उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। मेरठ से प्रयागराज तक के 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से राज्य की कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव आने वाला है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य 2025 के महाकुंभ मेले से पहले इसे पूरी तरह से जनता के लिए खोल देना है। यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों से होकर गुजरेगा और उत्तर प्रदेश में पश्चिम से पूरब तक की दूरी को मात्र 8 घंटों में पूरा किया जा सकेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में हो रहे बड़े कार्य
गंगा और रामगंगा नदियों पर पुलों के निर्माण के साथ-साथ शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण भी किया जा रहा है जहां भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ संभव होगी। इस एक्सप्रेसवे पर कुल 18 फ्लाईओवर और 8 सड़क पार पुल भी बनाए जा रहे हैं। इस परियोजना के तहत लगभग 60% इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की जमीन का भी अधिग्रहण हो चुका है जो क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
12 जिलों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और अंततः प्रयागराज में समाप्त होगा। इसके माध्यम से इन जिलों के लोगों का जीवन बदलने वाला है। न केवल लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी बल्कि इन क्षेत्रों में जमीन की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है।
सिर्फ 8 घंटे की यात्रा
डीएम दीपक मीणा ने जानकारी दी कि मेरठ से प्रयागराज तक का सफर अब मात्र 8 घंटे में पूरा हो सकेगा। मेरठ जिले में एक्सप्रेसवे का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा और इसके बाद अन्य जिलों में तेजी से निर्माण कार्य किया जाएगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाली है और इससे व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर
गंगा एक्सप्रेसवे योगी सरकार की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है जो राज्य के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई ऊंचाई पर ले जा रही है। उत्तर प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में सड़क निर्माण के क्षेत्र में तेजी आई है और यह एक्सप्रेसवे इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। महाकुंभ से पहले यह परियोजना उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ा उपहार साबित होगी और लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में योगदान देगी।