56,000 करोड़ रुपये की लागत से यूपी की GDP में आएगा उछाल, इन 518 गांवों से होकर गुजरेगा ये धांसू एक्सप्रेस-वे

Ganga Expressway : उत्तर प्रदेश में विकास की गति को तेज करने के लिए योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार तेजी से काम कर रही है। राज्य को 'एक्सप्रेस प्रदेश' बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं जिसमें 13 एक्सप्रेस-वे शामिल हैं। इनमें से 6 एक्सप्रेस-वे चालू हैं और 7 निर्माणाधीन हैं। इन सभी परियोजनाओं का नेतृत्व उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) कर रहा है। इसमें 'गंगा एक्सप्रेस-वे' सबसे परियोजना है जो राज्य के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होने वाला है। इस मेगा प्रोजेक्ट की शुरुआत 594 किलोमीटर की लंबाई के साथ हो चुकी है जो मेरठ से प्रयागराज तक फैला हुआ है। इसकी कुल लागत लगभग 56000 करोड़ रुपये है।
गंगा एक्सप्रेस-वे का विस्तार
'गंगा एक्सप्रेस-वे' की लंबाई 594 किलोमीटर है और यह 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। यह छह लेन का होगा जिसे भविष्य में आठ लेन में भी बदला जा सकेगा। इस पर गाड़ियों की गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी जिससे मेरठ से प्रयागराज की यात्रा मात्र छह घंटों में पूरी की जा सकेगी। राज्य के जिन जिलों से यह होकर गुजरेगा उनमें मेरठ हापुड़ बुलंदशहर अमरोहा संभल बदायूं शाहजहांपुर हरदोई उन्नाव रायबरेली प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं।
यही नहीं 'गंगा एक्सप्रेस-वे' का दूसरा चरण भी प्रस्तावित है जिसमें इसे 350 किलोमीटर और बढ़ाकर मिर्जापुर भदोही वाराणसी गाजीपुर और बलिया तक ले जाया जाएगा। इस विस्तार के बाद यह बिहार की सीमा से जुड़ जाएगा जिससे बिहार के लोगों को भी दिल्ली तक की सीधी और आसान सड़क सुविधा मिलेगी। इस विस्तार के बाद 'गंगा एक्सप्रेस-वे' देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा जिसकी कुल लंबाई 950 किलोमीटर होगी।
2024 तक निर्माण पूरा होने की उम्मीद
योगी सरकार का लक्ष्य था कि 2024 में होने वाले कुंभ मेले से पहले इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा हो जाए। हालांकि हाल की बारिश के कारण निर्माण कार्य में कुछ देरी होने की संभावना है। निर्माण की कुल लागत 37350 करोड़ रुपये आंकी गई है जिसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है। राज्य सरकार और यूपीडा के अधिकारी अब इस परियोजना को तेजी से पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि इसे तय समय में पूरा किया जा सके।
'गंगा एक्सप्रेस-वे' के निर्माण से प्रदेश के विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। इस परियोजना से प्रदेश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। यही नहीं यह एक्सप्रेस-वे राज्य के दूरदराज के इलाकों को भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ने में मदद करेगा जिससे व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।