उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम, इन लोगों हर महीने मिलेंगे 40,000 रुपये, यहां करें आवेदन

Delhi highlights, लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने पर्यटन और शोध के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप योजना (Chief Minister's Tourism Fellowship Scheme) का ऐलान किया है। इस योजना के तहत प्रदेश के शोधार्थियों को 40,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना विशेष रूप से उन शोधार्थियों के लिए है जो पर्यटन स्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों का गहन अध्ययन और सर्वेक्षण करना चाहते हैं। इस पहल से न केवल राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप योजना
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों के विकास के लिए योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य शोधार्थियों को पर्यटन स्थलों पर गहन अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत चुने गए शोधार्थियों को प्रति माह 40,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी जो कि उनके शोध कार्यों में मदद करेगी। यह योजना न केवल शोधार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगी बल्कि राज्य के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
शैक्षणिक योग्यता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों या संस्थाओं से न्यूनतम 60% अंकों के साथ स्नातक और उच्च शिक्षा की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा बीबीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा- ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन व पुरातत्व में डिग्री या डिप्लोमा धारकों को वरीयता दी जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया भी काफी सरल और सीधी है। इच्छुक अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट uptourism.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की गई है इसलिए सभी योग्य उम्मीदवारों को समय से पहले आवेदन करने की सलाह दी जाती है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें शोधार्थियों को एक साल की अवधि के लिए चुना जाएगा, जिसे आगे और भी बढ़ाया जा सकता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शोधार्थियों को पर्यटन विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण व पारिस्थितिकी से जुड़े स्थलों का सर्वांगीकरण विकास करना है। इसके अलावा यह योजना बेरोजगार युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने में भी मदद करेगी।