हरियाणा के युवा बॉक्सर हेमंत सांगवान ने जीता गोल्ड, दिल्ली एयरपोर्ट पर मां के हाथों से बने चूरमा से होगा स्वागत

हरियाणा के युवा बॉक्सर हेमंत सांगवान ने अमेरिका में आयोजित अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर परिवार और प्रदेश का नाम रौशन किया। रविवार को हुई इस जीत के बाद परिवार में जश्न का माहौल है। मंगलवार को हेमंत के घर लौटने पर उनके परिवारजन दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत करेंगे।
हेमंत की मां सुनीता रानी जो हरियाणा पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं विशेष रूप से उनके पसंदीदा 'चूरमा' को देसी घी में तैयार करके एयरपोर्ट ले जाने की तैयारी में हैं। सुनीता ने बताया, "हेमंत जब भी किसी मुकाबले में हिस्सा लेने जाता है तो मुझसे चूरमा बनाने की फरमाइश जरूर करता है। इस बार भी उसने फोन पर कहा कि मैं चूरमा बनाकर उसके स्वागत के लिए ले आऊं।"
हेमंत के पिता विनोद सांगवान, जो CID में सब-इंस्पेक्टर हैं, ने अपने बेटे की जीत पर गर्व जताते हुए कहा, "हेमंत ने हमें वादा किया था कि वह गोल्ड मेडल लेकर लौटेगा, और उसने अपना वादा निभाया। बचपन से ही उसे बॉक्सिंग में रुचि थी और उसने कठिन परिश्रम से यह मुकाम हासिल किया। अब हमारा विश्वास है कि वह ओलंपिक में भी मेडल जीतकर देश का नाम ऊंचा करेगा।"
हेमंत की प्रेरणा और शुरुआती ट्रेनिंग
हेमंत का परिवार मूल रूप से चरखी दादरी के खेड़ी बूड़ा गांव से है, लेकिन पिछले दो दशकों से वे झज्जर में रह रहे हैं। हेमंत ने बॉक्सिंग की शुरुआती ट्रेनिंग एक स्थानीय अकादमी से ली। विनोद सांगवान के अनुसार, "हेमंत बचपन से ही खेलों के प्रति उत्साही था। उसने स्कूल में बॉक्सिंग को चुना और अपने जुनून के दम पर आज इस मुकाम पर पहुंचा।"
हेमंत ने पिछले दो वर्षों में कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है और लगभग हर बार पदक जीते हैं। हेमंत के रिकॉर्ड में एशियन चैंपियनशिप, वर्ल्ड कप और कई अन्य टूर्नामेंट शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना है।
अमेरिका में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद नया लक्ष्य
वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले अमेरिका रवाना होने के दौरान हेमंत ने अपने परिवार से वादा किया था कि वह स्वर्ण पदक जीतकर लौटेगा। सुनीता सांगवान ने बताया, "हेमंत ने फोन पर मुझसे कहा कि उसने अपना वादा निभा दिया है। उसका यह सफर प्रेरणादायक रहा है और उसने न केवल परिवार बल्कि पूरे हरियाणा का गौरव बढ़ाया है।"
बॉक्सिंग के प्रति हेमंत का समर्पण उनके जीवन का हिस्सा बन चुका है। अपने माता-पिता के साथ इस सफर में हेमंत ने कठिन परिश्रम और लगन से अपना रास्ता तय किया है। हेमंत के लिए आगे की चुनौती ओलंपिक में पदक जीतने की है, जिसके लिए वह पूरी तैयारी कर रहे हैं।
परिवार का हौसला और हेमंत का जज़्बा
हेमंत के पिता विनोद कहते हैं कि हेमंत की इस सफलता के पीछे उसका अनुशासन और मेहनत का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा, "जब वह स्कूल में था, तब से उसने खुद को खेल के प्रति पूरी तरह समर्पित कर दिया था। हमने हमेशा उसे समर्थन दिया और उसने खुद को साबित किया। अब हमें पूरा भरोसा है कि वह ओलंपिक में भी पदक जीतकर हमारा सिर ऊंचा करेगा।"
सुनीता रानी ने कहा, "हेमंत की हर जीत पर हमें गर्व महसूस होता है। वह जहां भी जाता है, वह अपने परिवार और देश का मान बढ़ाता है। चूरमा उसके लिए हमेशा से खास है, और इस बार भी वह अपने जीत के साथ चूरमा का स्वाद लेने के लिए उत्साहित है।" हेमंत की इस शानदार जीत ने उन्हें और उनके परिवार को एक नए जोश और विश्वास से भर दिया है। परिवार और मित्रगण उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि वह अपने इस जश्न में परिवार का हिस्सा बन सकें।