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Onion Price : टमाटर के बाद अब प्याज की मार! दिल्ली में 58 रुपये किलो पहुँची कीमतें, जानिए अंदर की बात

Onion Price Hike : प्याज की बढ़ती कीमतों के पीछे सप्लाई चेन में बाधाएं और मांग में बढ़ोतरी मुख्य कारण माने जा रहे हैं। व्यापारियों के मुताबिक बारिश और मौसम की मार ने प्याज की आपूर्ति को प्रभावित किया है जिससे कीमतों में उछाल आया है।
 
Onion Price

Onion price today : पिछले 20 दिनों में प्याज की कीमतों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। 15 सितंबर तक दिल्ली में प्याज की औसत कीमत 58 रुपये प्रति किलो तक पहुँच चुकी है जिसने आम आदमी के बजट पर भारी असर डाला है। वहीं पूरे भारत में अधिकतम कीमत 80 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गई है। प्याज की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट में उथल-पुथल मचा दी है और सरकार के प्रयासों के बाद भी आम जनता को राहत नहीं मिल रही है।

प्याज की कीमतों में तेजी का कारण

प्याज की बढ़ती कीमतों के पीछे सप्लाई चेन में बाधाएं और मांग में बढ़ोतरी मुख्य कारण माने जा रहे हैं। व्यापारियों के मुताबिक बारिश और मौसम की मार ने प्याज की आपूर्ति को प्रभावित किया है जिससे कीमतों में उछाल आया है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि प्याज की खपत में वृद्धि के कारण भी कीमतें बढ़ी हैं।

सरकार के प्रयास

5 सितंबर से केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में प्याज की कीमत 35 रुपये प्रति किलो तय की है ताकि आम जनता को राहत मिल सके। इसके बावजूद बाजार में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार एनसीसीएफ (National Cooperative Consumers' Federation of India Limited) और नेफेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India) के पास 4.7 लाख टन प्याज का भंडारण है। इसके अलावा किसानों और व्यापारियों के पास लगभग 38 लाख टन प्याज का स्टॉक उपलब्ध है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत 49.98 रुपये प्रति किलो है। वहीं मॉडल कीमत 50 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है। हालांकि प्याज की न्यूनतम कीमत 27 रुपये प्रति किलो है लेकिन अधिकतम कीमत 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। प्याज की कीमतों में इस तेजी ने घरेलू बाजार में हलचल मचा दी है जिससे हर वर्ग के लोग परेशान हो रहे हैं।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों में सुधार की संभावना है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि खरीफ (ग्रीष्म) की फसल के लिए 2.9 लाख हेक्टेयर में प्याज की बुआई की जा चुकी है। पिछले साल की तुलना में इस बार 1.94 लाख हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई थी जो इस बार बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गई है। इससे आने वाले महीनों में प्याज की सप्लाई में सुधार हो सकता है।

महंगाई पर नजर

सरकार ने देशभर में 550 बाजार केंद्रों से 22 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की निगरानी शुरू कर दी है। इनमें प्याज टमाटर आलू और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं। 1 अगस्त से सरकार ने 16 और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की दैनिक थोक और रिटेल कीमतों का संग्रह और निगरानी शुरू की है ताकि महंगाई को नियंत्रित किया जा सके।

सरकार का अगला कदम

सरकार के पास फिलहाल प्याज की पर्याप्त भंडारण है जिससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में कीमतों में कमी आएगी। हालांकि सप्लाई चेन को मजबूत करने और मांग-आपूर्ति के बीच संतुलन बनाने के लिए सरकार को और भी कदम उठाने की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए सप्लाई चेन को सुधारा जाना बेहद जरूरी है।