Mousam: उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तापमान गिरा, दक्षिण में भारी बारिश से हालात गंभीर

उत्तर भारत में सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है और ठंड की बढ़ती लहर का असर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में दिखने लगा है। दूसरी ओर, दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में इन इलाकों में मौसम के मिजाज में और बदलाव की संभावना जताई है, जिससे उत्तर भारत में ठंड का एहसास और बढ़ सकता है जबकि दक्षिणी हिस्सों में जलभराव और यातायात में अवरोध की स्थिति बन सकती है। आइए जानते हैं, देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का मिजाज कैसा रहने वाला है।
उत्तर भारत में तापमान में गिरावट के संकेत
उत्तर भारत में सर्दी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है, और सुबह के समय ठंड का अनुभव हो रहा है। IMD के अनुसार, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की कमी आने की संभावना है, जिससे लोगों को अधिक ठंड महसूस होगी। दिल्ली के साथ ही, उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भी ठंड का असर दिखने लगा है। विशेषकर 15 नवंबर के बाद तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे ठंड का असर पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में भी महसूस किया जा सकता है।
पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी ने बढ़ाई ठंड
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। बर्फबारी के चलते इन इलाकों में ठंड बढ़ गई है और इससे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। बर्फ से ढके पहाड़ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, लेकिन बर्फबारी के कारण यात्रा करने वाले लोगों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट
दक्षिण भारत में तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। IMD के अनुसार, तमिलनाडु के कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, और मदुरै जिलों में भारी बारिश के साथ गरज और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। कर्नाटक के कोडागु और दक्षिण कन्नड़ जिलों में ओले गिरने और तेज हवाओं का खतरा भी बना हुआ है, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है और जलभराव की स्थिति बन सकती है।
बारिश के कारण प्रभावित इलाके
केरल और कर्नाटक के कई जिलों में बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव हो गया है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और पथानामथिट्टा में हल्की बारिश की संभावना है, जबकि इडुक्की, पलक्कड़ और त्रिशूर में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इससे स्थानीय यातायात और दैनिक जीवन में असुविधा हो रही है। इन क्षेत्रों में बिजली कटौती की संभावना को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
ठंड और बारिश से बचाव के उपाय
आईएमडी ने लोगों को बदलते मौसम के मद्देनज़र सतर्क रहने की सलाह दी है। उत्तर भारत में ठंड बढ़ने के कारण बच्चों, बुजुर्गों और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील व्यक्तियों को सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है। इसी तरह, बारिश प्रभावित दक्षिण भारत के क्षेत्रों में भी जलभराव वाली सड़कों और संभावित बिजली कटौती से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
दिल्ली और अन्य इलाकों में एयर क्वालिटी पर असर
दिल्ली में ठंड के साथ ही वायु प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती जा रही है। ठंड के कारण वायुमंडल में प्रदूषक तत्व अधिक समय तक रह जाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। IMD के अनुसार, आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) और भी खराब हो सकता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का पालन करें और बाहर निकलने पर मास्क का उपयोग करें।
छठ पर्व पर भी मौसम का असर
उत्तर भारत में छठ पर्व मनाया जा रहा है, जिसमें सूर्योदय और सूर्यास्त के समय घाटों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं। ठंड और तापमान में गिरावट के कारण छठ पर्व मनाने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सुबह के समय ठंडक का अनुभव हो रहा है, जिससे भक्तों को भी ठंड से बचाव के उपाय करने की आवश्यकता होगी।
IMD की ओर से सुझाव और चेतावनी
मौसम विभाग ने ठंड और बारिश दोनों से प्रभावित इलाकों के निवासियों के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। उत्तर भारत में जहां ठंड बढ़ने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, वहीं दक्षिण भारत में लगातार बारिश के कारण जलभराव और यातायात बाधित होने का खतरा है। मौसम विभाग ने सभी प्रभावित राज्यों के निवासियों को मौसम के अनुकूल कपड़े पहनने, बाहर जाते समय सतर्क रहने, और बच्चों तथा बुजुर्गों को विशेष देखभाल देने की सलाह दी है। इस तरह, पूरे भारत में मौसम का मिजाज अलग-अलग रूप ले रहा है। उत्तर में ठंड बढ़ रही है, जबकि दक्षिण भारत में भारी बारिश ने लोगों के जनजीवन को प्रभावित किया है। IMD द्वारा जारी चेतावनी और पूर्वानुमान के अनुसार, देश के विभिन्न क्षेत्रों में बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है।