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हरियाणा में भाजपा के संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार, केंद्रीय नेतृत्व करेगा अंतिम निर्णय, देखें नामों की लिस्ट

Haryana Assembly Elections 2024 : हरियाणा भाजपा चयन समिति ने दो दिनों के विचार-विमर्श के बाद 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के अस्थायी पैनल को तैयार किया है।

 
Haryana Assembly Elections 2024

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections ) के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। राज्य भाजपा चयन समिति ने दो दिनों के विचार-विमर्श के बाद 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के अस्थायी पैनल को तैयार किया है। इस पैनल में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Nayab Singh Saini) के लिए तीन विधानसभा क्षेत्रों को 'आरक्षित' किया गया है जिन पर अंतिम फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा।

भाजपा के उम्मीदवारों की स्थिति

राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा है उसके अनुसार भाजपा ने हरियाणा के तीन प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों - लाडवा करनाल और नारायणगढ़ - को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए आरक्षित किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए लिया गया है ताकि पार्टी को इन प्रमुख सीटों पर अधिकतम समर्थन मिल सके।

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राज्य भाजपा समिति ने सभी मौजूदा विधायकों और राज्य मंत्रियों को पैनल में शामिल किया है जिसमें कुछ पूर्व सांसद और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में हारने वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं। यह देखा जा रहा है कि भाजपा ने अपने पुराने चेहरों को भी मौका दिया है लेकिन इसके साथ ही कुछ नए चेहरों को भी अवसर देने की योजना बनाई है।

उम्मीदवार चयन में जरूरी बदलाव

आज की बैठक में पार्टी के करीब 10 वरिष्ठ नेताओं की उम्मीदवारी को अंतिम रूप दिया गया है लेकिन पैनल में शामिल आठ से 10 मौजूदा विधायकों को इस बार टिकट नहीं मिलेगा। इसके पीछे कारण यह हो सकता है कि पार्टी कुछ नए चेहरों को मौका देना चाहती है ताकि जनता के बीच एक नया संदेश पहुंचाया जा सके। इसके अलावा बाकी सीटों के लिए तीन से पांच उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया गया है जिसे अब अंतिम निर्णय के लिए केंद्रीय नेतृत्व को सौंपा जाएगा।

राज्य समिति ने उम्मीदवारों की जल्द घोषणा के लिए भी सिफारिश की है ताकि पार्टी प्रचार में बढ़त हासिल कर सके। जल्द उम्मीदवारों की घोषणा से पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह बना रहेगा जिससे पार्टी को चुनावी लाभ मिल सकता है।

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राव इंद्रजीत सिंह का अप्रत्याशित निर्णय

गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी बेटी आरती राव के लिए टिकट नहीं मांगा जो कि पार्टी चयन समिति में एक बड़ा विषय बन गया है। राव इंद्रजीत जो अहीरवाल क्षेत्र के संभावित उम्मीदवारों के बारे में मुखर रहे थे ने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए अपनी बेटी का नाम पैनल में नहीं लिया।

चुनाव समिति के एक सदस्य के अनुसार जब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे उस क्षेत्र का नाम बताने को कहा जिसे वह अपनी बेटी के लिए आरक्षित करना चाहते थे तो उन्होंने उन्हें इंतजार करने को कहा और कहा कि उन्हें निर्णय लेने के लिए समय चाहिए। राव इंद्रजीत की इस चुप्पी ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है क्योंकि वह पहले से अपनी बेटी की उम्मीदवारी के पक्ष में थे।

अहीरवाल क्षेत्र में भाजपा की रणनीति

अहीरवाल क्षेत्र में भाजपा की जीत की कुंजी राव इंद्रजीत सिंह के पास है और पार्टी उन्हें हर कीमत पर अपने पाले में रखना चाहती है। पार्टी को यह समझना होगा कि राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी या असंतोष से अहीरवाल क्षेत्र में चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं। पार्टी को इस मामले में सतर्क रहकर कदम उठाने होंगे।

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भाजपा में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश

इस बीच वरिष्ठ भाजपा नेता सुधा यादव ने पूर्व मंत्री और बादशाहपुर से टिकट के संभावित उम्मीदवार राव नरबीर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। सुधा यादव ने एक वीडियो के माध्यम से आरोप लगाया कि राव नरबीर ने एक सार्वजनिक बैठक में कहा था कि लोग भाजपा के बजाय उम्मीदवारों को वोट देंगे। इस बयान ने पार्टी के भीतर विवाद उत्पन्न कर दिया है। राव नरबीर ने यह भी कहा था कि अगर भाजपा को वोट मिल रहे होते तो वह 2019 में बादशाहपुर नहीं हारते।

सुधा यादव ने इस मुद्दे को पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के सामने उठाया है और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस मामले को कैसे संभालती है क्योंकि यह मामला पार्टी के अनुशासन और एकजुटता के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

नूंह सीट पर भाजपा की रणनीति

पार्टी ने नूंह सीट के लिए भी संभावित उम्मीदवारों पर विचार-विमर्श किया है जो कांग्रेस का गढ़ बनता जा रहा है। भाजपा इस सीट को अपने पाले में लाने के लिए मेव या हिंदू उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाने वाली संभावित सूची में दोनों समुदायों के उम्मीदवारों के नाम शामिल किए हैं।

नूंह क्षेत्र में भाजपा के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि यहां कांग्रेस का प्रभाव काफी मजबूत है। सही उम्मीदवार का चयन करके पार्टी इस सीट पर जीत दर्ज कर सकती है लेकिन इसके लिए उसे बेहद सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत है।