Haryana Weather Update : हरियाणा के इन 11 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट, जानें आगामी मौसम पूर्वानुमान

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा में मानसून (Monsoon in Haryana) की गतिविधियों ने एक बार फिर अपना असर दिखाया है। बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई जिसमें फतेहाबाद (Fatehabad Weather) जिला सबसे आगे रहा। यहाँ 1.2 मिलीलीटर बारिश रिकार्ड की गई जो प्रदेश में सबसे अधिक है। इसके बाद गुरुग्राम, अंबाला, रोहतक, पानीपत और कुरुक्षेत्र में भी बारिश हुई जिसने मौसम को और सुहाना बना दिया। बारिश के बाद तापमान में 0.9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने आज 25 अगस्त को हरियाणा के 11 जिलों में बारिश की संभावना जताई है। विभाग द्वारा जारी की गई ताजा जानकारी के अनुसार पानीपत, झज्जर, रेवाड़ी, सोनीपत, महेंद्रगढ़, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, फतेहाबाद, फरीदाबाद और नूंह जिलों में आज बारिश हो सकती है। इसके साथ ही विभाग ने यह भी बताया है कि राज्य में 29 अगस्त तक मानसून सक्रिय रहेगा जिससे इन जिलों में और अधिक बारिश की संभावना बनी हुई है।
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अगस्त के महीने में हरियाणा में आमतौर पर 101.8 मिलीमीटर बारिश होती है लेकिन इस बार प्रदेश में अब तक 135.6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है जिससे न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भी कमी आई है।
16 जिलों में हुई सामान्य से कम बारिश
हालांकि प्रदेश के सभी जिलों में मानसून का असर समान रूप से नहीं दिखा है। हरियाणा के 16 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। कैथल, करनाल और पंचकूला जैसे जिलों में सामान्य से आधी भी बारिश नहीं हुई। वहीं रोहतक, पलवल, यमुनानगर, जींद और हिसार में भी सामान्य से 30% से कम बारिश दर्ज की गई है।
इसके विपरीत महेंद्रगढ़ में 51% और नूंह में सामान्य से 63% अधिक बारिश दर्ज की गई है जिससे इन जिलों में लोगों को अधिक बारिश का सामना करना पड़ा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार अगस्त के महीने में हरियाणा में कुल मिलाकर 33% अधिक बारिश दर्ज की गई है।
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यमुनानगर, पंचकूला, पलवल, कैथल और फरीदाबाद ऐसे जिले हैं जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। इन जिलों में बारिश की कमी का असर कृषि और जल स्रोतों पर भी पड़ा है।
जुलाई के महीने में रही कम बारिश
अगर हम जुलाई महीने की बात करें तो इस साल जुलाई में पिछले 5 वर्षों में सबसे कम बारिश हुई। यह स्थिति तब थी जब मानसून का सीजन चल रहा था और प्रदेश के किसानों को पर्याप्त बारिश की उम्मीद थी। इस कम बारिश का असर खेतों में उगाई जाने वाली फसलों पर पड़ा जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई।