अरे सोच क्या रहे हो! अभी खरीदो इस गाय को और महीने का कमाओ लाखों, प्रतिदिन देती है 15 लीटर दूध

Delhi highlights, नई दिल्ली : पशुपालन आज के समय में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में समृद्धि का साधन बन गया है। इसमें खासतौर पर गाय पालन का कार्य लोगों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव ला रहा है। गाय की उन्नत नस्लों की जानकारी के अभाव में कई पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि वे उन्नत नस्लों के बारे में जानकारी रखें ताकि अधिक लाभ कमा सकें।
थारपारकर गाय जिसे भारत में 'दुधारू सोना' के नाम से जाना जाता है अपने कई विशेष गुणों के कारण प्रसिद्ध है। यह नस्ल मुख्य रूप से राजस्थान के बाड़मेर जैसलमेर जोधपुर में पाई जाती है लेकिन अब इसका पालन राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश बिहार और महाराष्ट्र के पशुपालक भी कर रहे हैं। इस नस्ल की गायें भीषण गर्मी और सर्दी को सहन करने की अद्वितीय क्षमता रखती हैं जो उन्हें अन्य नस्लों से अलग बनाती है।
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थारपारकर गाय की विशेषताएँ
डॉ. इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटनरी) रायबरेली के पशु विशेषज्ञ बताते हैं कि थारपारकर गाय (Tharparkar Cow) मुख्य रूप से पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जिले थारपारकर से उत्पन्न हुई है। इस गाय का रंग सफेद या धूसर होता है और इसकी पीठ पर हल्के आसमानी रंग की धारियां होती हैं। इसका सिर मध्यम आकार का होता है माथा एवं कान चौड़े होते हैं और पूंछ पतली और लंबी होती है।
थारपारकर गाय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह भीषण गर्मी और सर्दी दोनों को सहन करने की अद्वितीय क्षमता रखती है। यह क्षमता इसे अन्य गायों की नस्लों से अलग बनाती है और इसे दुग्ध उत्पादन में निरंतरता बनाए रखने में मदद करती है। जबकि अन्य गायों की नस्लें बढ़ते तापमान के साथ दूध उत्पादन में कमी का सामना करती हैं थारपारकर गाय की दूध उत्पादन क्षमता पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है।
थारपारकर गाय की कीमत
थारपारकर गाय प्रतिदिन 15 से 18 लीटर दूध (Tharparkar Cow Milk) का उत्पादन करती है जो इसे एक उच्च दुग्ध उत्पादन वाली नस्ल बनाता है। इसकी कीमत 20 हजार रुपए से लेकर 60 हजार रुपए तक होती है जो इसके गुणों के आधार पर उचित है। एक ब्यांत में यह गाय 1500 से 2200 लीटर दूध उत्पादन की क्षमता रखती है जो इसे अन्य गायों से अलग बनाती है। इसके अलावा इस गाय की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी उच्च होती है जिससे यह जल्दी बीमार नहीं पड़ती है।
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थारपारकर गाय का आहार सामान्य गायों की तरह ही होता है जिससे इसके पालन में भी कोई अतिरिक्त कठिनाई नहीं होती है। इस गाय का पालन करके किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं जो इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
थारपारकर गाय की बढ़ती मांग
आज के समय में थारपारकर गाय की दूध (Tharparkar Cow Price) और घी की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है जो इसे बाजार में अधिक मूल्यवान बनाता है। इसके साथ ही भीषण गर्मी और सर्दी को सहन करने की क्षमता के कारण यह गाय उन क्षेत्रों में भी पालन की जा सकती है जहाँ तापमान में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होता है।
पशुपालकों के लिए थारपारकर गाय का पालन एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। इस गाय की दूध उत्पादन क्षमता और इसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति इसे एक भरोसेमंद और दीर्घकालिक निवेश का साधन बनाती है। इसके साथ ही इसकी उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता इसे अन्य गायों की नस्लों के मुकाबले अधिक लाभदायक बनाती है।