delhihighlight

सिरसा की इन दो विधानसभा सीटों पर रोमांचक होगा मुकाबला, दादा-पोते और चाचा-भतीजे के बीच होगी चुनावी जंग

सिरसा जिले की रानियां और डबवाली सीटों (Rania and Dabwali Seat) पर इस बार चुनावी लड़ाई कुछ खास नजर आ रही है जहां दादा-पोते और चाचा-भतीजे के बीच सीधा मुकाबला होगा।

 
Rania and Dabwali Seat

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा की राजनीति में चौटाला परिवार (Chautala Family) का एक अहम स्थान रहा है और इस बार भी उनके बीच सियासी मुकाबला किसी से कम नहीं होगा। सिरसा जिले की रानियां और डबवाली सीटों (Rania and Dabwali Seat) पर इस बार चुनावी लड़ाई कुछ खास नजर आ रही है जहां दादा-पोते और चाचा-भतीजे के बीच सीधा मुकाबला होगा। आइए इन दोनों सीटों की सियासी हलचल पर एक नजर डालते हैं और समझते हैं कि इस बार चुनावी राजनीति में कौन किसे मात देने की कोशिश करेगा।

यह भी पढ़ें : हरियाणा के इन 11 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट, जानें आगामी मौसम पूर्वानुमान

रानियां सीट पर दादा-पोते का मुकाबला

रानियां विधानसभा सीट (Rania Assembly Seat) पर इस बार चुनावी खींचतान और भी रोचक हो गई है। पिछले चुनाव में निर्दलीय के रूप में चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने रानियां सीट पर जीत हासिल की थी। रणजीत चौटाला (Ranjit Chautala) जो इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) के भाई हैं ने रानियां से जीतने के बाद भाजपा को समर्थन दिया था। भाजपा ने उन्हें कैबिनेट मंत्री (Cabinet Ministers) भी बनाया था लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में वह हिसार सीट पर भाजपा के उम्मीदवार के रूप में असफल रहे थे।

अब रानियां सीट पर रणजीत चौटाला का सामना उनके पोते अर्जुन चौटाला से होगा। अर्जुन चौटाला जो इनेलो के ऐलनाबाद से विधायक और प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के पुत्र हैं ने हाल ही में प्रेस वार्ता कर रानियां से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। अर्जुन चौटाला ने अपने दादा रणजीत चौटाला पर रानियां को उपमंडल न बना पाने का आरोप भी लगाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि दादा-पोते के इस सियासी मुकाबले में कौन जीत हासिल करेगा और किसके हाथ में रानियां की राजनीति की बागडोर जाएगी।

डबवाली में चाचा-भतीजे की टक्कर

डबवाली सीट पर भी इस बार सियासी जंग में नया मोड़ देखने को मिलेगा। मौजूदा विधायक अमित सिहाग जो कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह के पुत्र हैं ने पिछले चुनाव में डबवाली सीट पर कांग्रेस की ओर से जीत हासिल की थी। डॉ. केवी सिंह चौटाला गांव के निवासी हैं और चौटाला परिवार से जुड़े हुए हैं। वह कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ओएसडी भी रह चुके हैं। विधायक रहते हुए अमित सिहाग ने डबवाली की समस्याओं को विधानसभा में उठाया और समाधान के प्रयास किए।

यह भी पढ़ें : सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, मासिक न्यूनतम 10000 रुपये, पेंशन को लेकर बड़ा ऐलान

अब इस सीट पर अमित सिहाग के भतीजे दिग्विजय सिंह चौटाला ने भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है। दिग्विजय सिंह के पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला और माता नैना चौटाला इस सीट पर विधायक रह चुके हैं। दिग्विजय ने डबवाली का दौरा करना शुरू कर दिया है और ग्रामीणों से मुलाकात कर रहे हैं। चौधरी देवीलाल का पैतृक गांव चौटाला भी इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है जिससे दिग्विजय सिंह चौटाला की स्थिति और भी मजबूत नजर आती है।

चुनावी मुकाबले का प्रभाव

रानियां और डबवाली की इन सीटों पर होने वाले चुनावी मुकाबले से हरियाणा की राजनीति में नई गर्मी देखने को मिलेगी। रानियां में दादा-पोते के बीच की जंग और डबवाली में चाचा-भतीजे की टक्कर सियासी माहौल को और भी दिलचस्प बना रही है। इन मुकाबलों से न सिर्फ हरियाणा की राजनीति में नयापन आएगा बल्कि स्थानीय मुद्दों और समस्याओं को भी प्रमुखता मिल सकती है।

रानियां और डबवाली की सीटों पर चुनावी हलचल से जुड़ी ये घटनाएं दर्शाती हैं कि किस प्रकार सियासी परिवारों के अंदर भी सत्ता और प्रभाव की जंग होती है। यह चुनावी मुकाबला न केवल क्षेत्रीय राजनीति के लिए है बल्कि पूरे राज्य की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित कर सकता है।

अंत में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन सीटों पर होने वाले चुनाव में कौन किसे मात देता है और किसकी राजनीति की धारा में नया मोड़ आता है। रणजीत चौटाला और अर्जुन चौटाला के बीच का मुकाबला और अमित सिहाग व दिग्विजय सिंह चौटाला की जंग हरियाणा के राजनीतिक को नई दिशा देने का काम करेगी।