Kumari Sailja : हरियाणा सीएम पद की दौड़ में कुमारी सैलजा ने पेश की दावेदारी, हुड्डा की राह मुश्किल

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections) के नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद (Haryana Chief Minister post) के दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं और इस कड़ी में सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा (MP Kumari Sailja) ने अपनी दावेदारी पेश की है। कुमारी सैलजा ने अनुसूचित जाति (Scheduled Castes) समुदाय के समर्थन को आधार बनाते हुए मुख्यमंत्री पद के लिए अपना नाम आगे बढ़ाया है। उनका दावा है कि कांग्रेस का मजबूत आधार SC समुदाय ही रहा है और इस समुदाय का अधिकतर वोट कांग्रेस की तरफ जाता है।
यह भी पढ़ें : किसानों के लिए सुनहरा अवसर, गेहूं की इस नई किस्मों से होगा उत्पादन में इज़ाफ़ा
कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का चेहरा
कुमारी सैलजा जो कांग्रेस महासचिव (Congress General Secretary) के पद पर आसीन हैं ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने इस संदर्भ में कहा "हर समुदाय या व्यक्ति की महत्वाकांक्षा होती है और मेरी क्यों नहीं हो सकती?" उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि वह हरियाणा के शीर्ष पद पर काबिज होने की महत्वाकांक्षा रखती हैं। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा भी प्रकट की है हालांकि इस पर अंतिम निर्णय कांग्रेस आलाकमान द्वारा लिया जाएगा।
सैलजा का दावा है कि अनुसूचित जाति समुदाय कांग्रेस का मजबूत आधार रहा है और यह समुदाय हमेशा कांग्रेस के पक्ष में खड़ा रहा है। उनका कहना है कि यदि SC समुदाय का समर्थन उन्हें प्राप्त है तो उनकी दावेदारी पूरी तरह जायज है। उन्होंने कहा "SC समुदाय क्यों नहीं? हमें इतना विश्वास होना चाहिए कि हम भी खड़े होकर कहें कि हम क्यों नहीं?"
यह भी पढ़ें : वेतन और भत्तों में होगी बढ़ोतरी, अब हर महीने मिलेंगे 4 लाख रुपए, जानें कितना मिलेगा अब मासिक
कुमारी सैलजा की राजनीतिक पृष्ठभूमि
कुमारी सैलजा का राजनीतिक करियर काफी लंबा और समृद्ध है। वह हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में सिरसा से लोकसभा सदस्य हैं। इसके अलावा वह केंद्र सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुकी हैं। उनकी राजनीतिक समझ और अनुभव का लाभ कांग्रेस को हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिल सकता है।
कुमारी सैलजा ने कांग्रेस के भीतर गुटबाजी के सवाल पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा "हर संगठन में लोगों की महत्वाकांक्षा और व्यक्तिगत स्थान के लिए जद्दोजहद होती है लेकिन टिकट वितरण के साथ ही सभी जमीन पर उतरकर पार्टी के लिए काम करते हैं।" उनका मानना है कि पार्टी में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के बावजूद जब चुनाव की घड़ी आती है तो सभी नेता और कार्यकर्ता पार्टी के हित में एकजुट होकर काम करते हैं।
मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदार
कुमारी सैलजा के अलावा हरियाणा में कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदारों के नाम भी चर्चा में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी अपनी दावेदारी को लेकर साफ संकेत दिए हैं। गत 13 अगस्त को उन्होंने कहा था "मैं न तो टायर्ड हूं और न ही रिटायर्ड। पार्टी को बहुमत मिलने पर आलाकमान मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेगा।" हुड्डा के इस बयान से साफ है कि वह भी मुख्यमंत्री पद के लिए तैयार हैं और पार्टी नेतृत्व पर इस निर्णय को छोड़ते हैं।
यह भी पढ़ें : हरियाणा में भाजपा के संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार, केंद्रीय नेतृत्व करेगा अंतिम निर्णय, देखें नामों की लिस्ट
अनुसूचित जाति समुदाय के लिए सैलजा की विशेष अपील
कुमारी सैलजा ने अनुसूचित जाति समुदाय के महत्व को समझते हुए उन्हें विशेष अपील की है। उन्होंने कहा "अनुसूचित जाति समुदाय का अधिकतर वोट कांग्रेस की तरफ गया है और यह समुदाय कांग्रेस का आधार रहा है।" उनके इस बयान से स्पष्ट है कि वह SC समुदाय को अपने पक्ष में रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।
उन्होंने कहा कि अगर कोई समुदाय या व्यक्ति मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करता है तो यह उसकी महत्वाकांक्षा होती है। SC समुदाय की राजनीतिक जागरूकता बढ़ी है और ऐसे में सैलजा ने अपनी दावेदारी को पूरी तरह जायज ठहराया है।
विधानसभा चुनाव में सैलजा की रणनीति
कुमारी सैलजा ने विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा भी जताई है। उन्होंने कहा "लोकसभा चुनाव से पहले भी मैंने कहा था कि केंद्र की राजनीति काफी कर ली है तो इस बार राज्य में जाकर काम करें। एक सच्चाई है कि लोगों के काम राज्य से ज्यादा संबंधित रहते हैं। राज्य में जाकर काम करना है यह मेरी इच्छा है। अंतिम फैसला आलाकमान ही करेगा लेकिन इच्छा है।"
यह भी पढ़ें : सिरसा में 12 साल बाद इस माइनर की टेल तक पहुंचा नहरी पानी, 3 गांव की 5 हजार एकड़ भूमि में हो पाएगी सिंचाई, किसान खुश
उनकी इस रणनीति से साफ है कि वह राज्य की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाना चाहती हैं और हरियाणा की जनता के मुद्दों को राज्य स्तर पर हल करना चाहती हैं। हालांकि उनकी उम्मीदवारी और भूमिका का अंतिम निर्णय कांग्रेस आलाकमान के हाथों में है लेकिन उनका जोश और उत्साह बताता है कि वह इस बार चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति
हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत है लेकिन गुटबाजी और आंतरिक कलह भी पार्टी के लिए एक चुनौती बनी हुई है। कुमारी सैलजा ने इस स्थिति को समझते हुए पार्टी के भीतर एकता बनाए रखने की अपील की है। उनका मानना है कि चुनाव के समय सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए ताकि पार्टी को सफलता मिल सके।
सैलजा का यह भी कहना है कि अनुसूचित जाति समुदाय कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है और इसे मजबूत करने के लिए पार्टी को विशेष ध्यान देना चाहिए। उनका यह बयान आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।